Monday, August 31, 2015

सरकारी सेवाओं में एसीआर मेंं प्रविष्टि पर सुप्रीम कोर्ट का महत्‍वपूर्ण निर्णय

सरकारी कर्मचारियों को सेवाओं के मामले में उच्चतम न्यायालय (न्यायमूर्ति मार्कंडेय काटजू और एक अन्य) द्वारा दिनांक 12 मई 2008 को निर्णीत (Civil Appeal 7631 of 2002, Dev Dutt Vs. Union of India and others) फैसले को अवश्‍य देखना चाहिये जिसमें यह तथ्‍य थे कि अधीक्षण अभियंता के पद पर पदोन्नति के लिए उम्मीदवार की पिछले पांच वर्षों के लिए वार्षिक सीआर में 'बहुत अच्छा' प्रविष्टियाँ होना चाहिए था, और उम्‍मीदवार की एक वर्ष की प्रविष्टि 'अच्छा' थी, जिसके बारे में उसे सूचित नहीं किया गया था, और इस तरह उसको उसकी ग्रेडिंग के आधार पर पदोन्नति के अवसर से वंचित किया गया।
माननीय न्‍यायालय ने अन्‍य के अतिरिक्‍त यह निर्णीत करते हुये कि उम्‍मीदवार की वार्षिक गोपनीय चरित्रावली में 'अच्छा' प्रविष्टि को अपीलार्थी को संसूचित किया जाना चाहिए था, ताकि वह इस सम्‍बंध में अपना अभ्‍यावेदन प्रस्‍तुत कर सकता होता, और पदोन्नति के लिए विचारण क्षेत्र में एक संभावित उम्‍मीदवार हो पाता, निर्णय किया:
1. वास्तव में 'अच्छा' प्रविष्टि एक प्रतिकूल प्रविष्टि है क्‍योंकि पदोन्नति के लिए विचारण क्षेत्र से यह उम्‍मीदवार की उम्‍मीदवारी को समाप्‍त कर देती है.
2. इस प्रकार (ग्रेडिंग या प्रविष्टि का) नामकरण प्रासंगिक नहीं है. वस्‍तुत: यह प्रभाव है जो प्रविष्टि निर्मित कर रही है, जो यह निर्धारित करता है कि यह एक प्रतिकूल प्रविष्टि है या नहीं.
3. इस प्रकार प्रविष्टि की कठोरता महत्वपूर्ण है, शब्‍दावली नहीं.
4. एक 'अच्छा' प्रविष्टि का दिया जाना वास्‍तव में सेवायुक्‍त के लिये किसी संतोष का विषय नहीं है यदि यह तथ्‍य उसे पदोन्‍नति के अवसर के लिये अपात्र बनाता है.
5. एक कर्मचारी से संबंधित वार्षिक गोपनीय चरित्रावली की हर प्रविष्टि (और न केवल एक खराब या प्रतिकूल प्रविष्टि) को एक उचित समयसीमा के भीतर संबंधित कर्मचारी को संसूचित किया जाना चाहिए, ताकि उसे इसके विरूद्ध, यदि वह इससे असंतुष्‍ट है, अभ्‍यावेदन प्रस्‍तुत करने का अवसर मिल सके.
6. यहां तक कि एक ''उत्‍कृष्‍ट'' प्रविष्टि को भी सूचित किया जाना चाहिए क्‍योंकि इससे कर्मचारी का न सिर्फ मनोबल बढ़ेगा, यह उसे अधिक परिश्रम करने के लिये प्रेरित करेगा.
## संजय मोहन भटनागर

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