Sunday, October 2, 2016

ख़याल

तुमसे प्यार करना और वफ़ा की उम्मीद रखना
ठीक वैसा ही हैं
जैसे पानी की सतह पर
लिख देना एक कविता
और उम्मीद करना की
मछलियाँ इसे गाकर सुनाएंगी............
.. अज्ञात
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ज़मीर ज़िंदा रख,
कबीर ज़िंदा रख,
सुल्तान भी बन जाए तो,
दिल में फ़क़ीर ज़िंदा रख......

हौसले के तरकश में,
कोशिश का वो तीर ज़िंदा रख,
हार जा चाहे जिन्दगी मे सब कुछ,
मगर फिर से जीतने की वो उम्मीद जिन्दा रख.......
.. अज्ञात