Saturday, December 5, 2009

METRO RAIL AT BHOPAL?

भोपाल में मेट्रो रेल क्यों ज़रूरी है?
लगभग सारे ही शहरों में डीज़ल और पेट्रोल वाले वाहनों की संख्या बढ़ रही है, परन्तु सड़कों की स्थिति, विशेष रूप से सड़कों की चौडाई लगभग वही है.
ऐसे में न सिर्फ सड़कों पर ट्राफिक का दबाव अत्याधिक हो जाता है, जो जनता और सरकार को अनेक तकलीफें देता है, और यह एक कभी न ख़त्म होने वाला दुष्चक्र है.
अब इस सन्दर्भ में  हम दिल्ली में संचालित हो रही मेट्रो रेल (http://www.delhimetrorail.com) को देखें. अपने प्रारंभ के सात वर्षों में ही यह दिल्ली की जीवन रेखा बन गयी. दिनांक २४-१२-२००२ को मात्र ७.५ किलोमीटर के रूट पर प्राम्भ हो कर इसने सात वर्षों से भी कम समय में एक अरब यात्रियों को उनके गंतव्य स्थान तक पहुँचाया. और मात्र इतना ही नहीं. दिल्ली में उन स्थानों पर प्रोपर्टी की कीमतों में गुणात्मक  वृद्धि हो गयी, जहाँ जहाँ से मेट्रो ट्रेन गुजरी और जहाँ आज से दस वर्ष पूर्व कोई रहना तो क्या, जाना भी पसंद नहीं करता था. फ़िलहाल ऐसी कालोनियों में विशिष्ट उदाहरण नई दिल्ली की कालोनी 'द्वारका' का है.
अब ज़रा मध्य प्रदेश के ट्रांसपोर्ट की स्थिति भी देख लें. प्रदेश में दिनांक ३१-०३-१९९६ को १७६३१६४ वाहन पंजीकृत थे, जो १२ वर्ष बाद दिनांक  ३१-०३-२००८ को ५५२३४५८ हो गए. यह वृद्धि लगभग १० वार्षिक है. अगर जिला भोपाल की बात करें तो इस जिले में दिनांक ३१-०३-२००८ को कुल ५७१०८८ पंजीकृत वाहन थे, जिसमें से ४६३१०१ वाहन दोपहिया थे व ५२९५३ वाहन कार थे या जीप थे.
उपरोक्त के अतिरिक्त यह लेख करना भी प्रासंगिक होगा कि शहर भोपाल में वाहनों से होने वाला वायु प्रदुषण लगभग ३२५ टन प्रतिदिन है (दिल्ली में यह लगभग २००० टन प्रतिदिन है, लेकिन दिल्ली की जनसँख्या १५० लाख है वहीँ भोपाल की जनसँख्या लगभग १६-१७ लाख). भोपाल शहर अन्य शहरों की तरह ही बहुत तेज़ी से फैल रहा है. १९७५ में जहाँ भोपाल का क्षेत्रफल ७२ वर्ग किमी था, वहीँ २००१ में यह २८५ वर्ग किमी हो गया. भोपाल मास्टर प्लान २०२१ के अनुसार वर्ष २०२१ में शहर भोपाल का  क्षेत्रफल ८०० वर्ग किमी का आंकलन किया गया है.
यह समय श्रेष्ठ है की हम अब भोपाल में मेट्रो रेल के संचालन के विषय में जल्द-अज-जल्द सोचें.विशेष रूप से इस विषय में विचार करें कि कैसे शीघ्र अतिशीघ्र भोपाल के उपग्रह शहरों (satellite cities) अर्थात सीहोर, रायसेन, विदिशा, मंडीदीप, आदि को मेट्रो रेल के माध्यम से भोपाल से जोड़ा जा सके. इससे सरकार पर नागरिक सेवाओं की प्रदायता की ज़िम्मेदारी का बोझ अपेक्षकृत कम होगा, शहर पर जनसँख्या का दबाव कम होगा, शहर में प्रदुषण का फैलाव निस्संदेह कम होगा, वगैरह वगैरह.

जारी ...................