Sunday, June 14, 2015

रविवार की सुबह

रविवार की अलसाई सी सुबह..

अदरक वाली कड़क चाय..

बीवी के हाथ की

धीमी सी आवाज में बजते गाने..

रसोई मेंं रखे पुराने रेडियो से

आस पास बिखरी किताबें...

शेरोशायरी की, स‍ाहिर की, फ़ैज की और क़तील की

मेरे लिए यही आर्ट ऑफ़ लिविंग है.

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