आमजन द्वारा की जाने वाली किसी खरीदी पर
विक्रेता द्वारा ऐसे ग्राहक से शासन द्वारा निर्धारित दर पर वैट (VAT – Value
Added Tax) भी वसूला जाता है, परन्तु एक ग्राहक को यह कभी पता नहीं चलता कि उसके द्वारा दूकानदार को
भुगतान किये गये वैट का भुगतान दूकानदार द्वारा शासन को किया गया या नहीं. और यदि
किया भी गया तो यह वैट राशि शासन को भी लगभग एक माह बाद प्राप्त होती है और इस
अवधि में दूकानदार इस राशि का उपयोग अपनी कैपिटल के रूप में करता रहता है. अत:
वित्त विभाग को आमजन के लिये वैट के प्रीपेड कार्ड (500 रूपये के गुणांक में)
जारी करने चाहिये और एक कम्पैटिबिल साफ्टवेअर बनाना चाहिये जो एक निश्चित टर्नओवर
से अधिक वाले हर दूकानदार को अपने कम्प्यूटर में रखना अनिवार्य हो, जिसके माध्यम
से इस कार्ड को स्वाईप करने पर सामान के बिल व बिल राशि पर लगे वैट की मैपिंग हो
सके व कार्ड से वैट के समतुल्य राशि की कटौत्री हो सके. जब कार्डराशि समाप्त हो
जाये तो आमजन इसे फिर से रिचार्ज करा सकेंगे. इससे अनेक फ़ायदे होंगे. शासन को वैट
के रूप में एक बड़ी राशि अग्रिम के रूप में मिल जायेगी, सरकार को आम
जनता द्वारा की गई लगभग प्रत्येक खरीदी पर वैट राशि प्राप्त होगी, दूकानदारों को
वैट के बहीखाते बनाने व रिटर्न आदि भरने से छुटकारा मिलेगा तथा सम्बंधित विभाग के
अफसरों और कर्मचारियों के इन्सपेक्टर राज से मुक्ति मिलेगी, अफसरों और
कर्मचारियों के पास तुलनात्मक रूप से काम कम हो जायेगा जिससे उन्हें विभाग के
अन्य प्रोडक्टिव कार्यों में उपयोग किया जा सकेगा, आमजन को यह संतोष रहेगा कि उसके द्वारा वैट के
रूप में किये गये भुगतान की राशि सरकार को ही प्राप्त हुई है तथा उसने सरकारी
खज़ाने में वैट के रूप में इस राशि का योगदान किया है. चूंकि वैट की राशि वित्त
विभाग के साफ्टवेअर के माध्यम से ही कार्ड से काटी जायेगी जिसमें क्रय की गई वस्तु
पर अधिरोपित वैट की जानकारी पहले से ही सरकार द्वारा ही प्रविष्ट होगी, आमजन को यह
संदेह भी नहीं रहेगा कि दूकानदार द्वारा निर्धारित दर से अधिक दर पर वैट वसूला गया
है. इससे सरकार का राजस्व बढ़ेगा तथा सम्बंधित विभागों में भ्रष्टाचार निश्चित रूप
से कम होगा. प्रस्तावित योजना के साथ साथ थोड़ी सी गवर्नमेंट प्रोसेस रीइंजीनियरिंग
अपनाये जाने पर वैट कलेक्शन, वैट ऑडिट, खातों के निरीक्षण आदि से सम्बंधित समस्त प्रक्रिया सरल हो जायेगी. इससे
राज्य के सुशासन और आर्थिक विकास में मदद मिलेगी.
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